एन एच 727बी सड़क का आवासीय श्रेणी की भूमि को कृषि दर से दिया जा रहा है मुआवजा किसानों में भारी असंतोष

एन एच 727बी सड़क का आवासीय श्रेणी की भूमि को कृषि दर से दिया जा रहा है मुआवजा किसानों में भारी असंतोष

आबादी की भूमि 40 वर्षों से अधिक समय से निर्मित भवन का मुआवजा एन एच आई रेट से दोगुना जब कि आवासीय भूमि को मुआवजा से रखा गया है वंन्चित

बिना मुआवजा का भुगतान किए ही आवासीय भवनों पर एडीएम न्यायिक कुशीनगर के हस्ताक्षर से चश्मा किया गया है नोटिस गृह स्वामियों में लगायी जा रहीहैं तरह-तरह के कयास

Garun News-कृष्णा यादव तमकुही राज /कुशीनगर। सड़क राज्य परिवहन निगम के अंतर्गत पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के नाम से बन रही एन एच727 बी राजमार्ग तमकुही राज से वाराणसी वाया मझौली सलेमपुर के लिए अधिग्रहित की गई भूमि का तमकुही राज तहसील में बहुत ही कम मिल रहा है मुआवजा जिसको लेकर किसान परेशान एवं लगा रहे हैं तरह-तरह के कयास कुछ किसानों ने तहसील से लेकर जिला तक का चक्कर लगा लगाकर थक गए हैं उन किसानों की कृषि भूमि का मुआवजा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के द्वारा निर्धारित राशि कि दर से मिल रहा है जो बहुत ही काम है इस धनराशि से किसान खुश नहीं है किसानों का कहना है कि सरकार जबरदस्ती सस्ते दर पर हमारी भूमि का अभिग्रहण सड़क के लिए कर रही है जबकि तमकुही राज क्षेत्र में भूमि का सर्किल रेट की कीमत ज्यादा है जिसका चौगुना धनराशि सरकार को देना है परंतु ऐसा ना करके किसानों के साथ जोर जबरदस्ती सरकार कर रही है कृषि भूमि पर बने आवासीय मकान का दोगुना रेट दिखा करके तहसील के लेखपाल आवश्यक प्रपत्र जमा करा लिए हैं जबकि जो सरकार द्वारा मुआवजा निर्धारित की गई है आज के प्रवेश में उस धनराशि से वैसी मकान कतई नहीं बन पाएगी क्योंकि आवासीय मकान बनाने में इस समय पदार्थ का कीमत आसमान छू रहा है मजदूरी भी मजदूर तथा मिस्त्री की बढ़ गई है ।ऐसी दशा में उस धनराशि से वैसी मकान बनाना संभव नहीं लग रहा है।

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तमकुहीराज तहसील क्षेत्र में 1527 किसने की जमीन कृषि भूमि अधिग्रहित की गई है वहीं 207 किसानों का इस मार्ग के निर्माण में भवन भी अभिकृति किए गए हैं जिस पर बिना मुआवजा दिए हैं एडीएम कुशीनगर के हस्ताक्षर युक्त नोटिस चश्मा कर दिया गया है जिससे भू स्वामियों में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त है। नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कुछ किसानों ने बताया कि हमारे कृषि भूमि का मुआवजा लगभग ₹4लाख कट्ठा की दर से मिला है इसी कृषि भूमि में आवासीय मकान भी पड़ा है जिसका सीढी भी सड़क में अधिग्रहित हो गई है परंतु सीढी वाले भवन का मुआवजा नहीं बना है इसके लिए कई बार तहसील तथा एडीएम के कार्यालय में दरखास्त देने के बाद कोई सुनवाई नहीं हुई तो मुख्यमंत्री के पोर्टल पर जी, आर ,एस ,के माध्यम से अपनी बात रखी गई है ।मकान पर नोटिस चश्मा होने के बाद भी अब तक संबंधित गृह स्वामियों की खाते में या नकद धनराशि का भुगतान नहीं हुआ है मकान हटाने की नोटिस चश्मा हो गई है कभी भी आशंका है कि मकान तोड़ी जा सकती है। 30- 40 वर्षों से आबादी की जमीन पर रह रहे किसानों को केवल भवन की अनुमानित कीमत दी जा रही है भूमि को सरकारी बात कर उसका मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। इसके लिए कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय कुमार लालू के नेतृत्व में आंदोलन भी किया गया था लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। प्रशासनिक अधिकारी से नेशनल हाईवे अथॉरिटी का मामला बताकर टाल रहे हैं किसान सड़क निर्माण से खुश है लेकिन मुआजे की काम राशि मिलाने के कारण निराशा और दुखी है। किसानों नेआशंका जाहिर की है कि अधिग्रहित भूमिका सीमांकन अब तक नहीं किया गया जबकि रामकोला चट्टी में धरना रन स्थल पर जनपद की आला अधिकारियों ने आश्वासन भी दिया था कि जितना भूमि अधिग्रहित है उसकी पैमाइश कराकर सीमांकन कर दिया जाएगा लेकिन यह कार्य भी नहीं हुआ किसानों के मन में यह संभावना बनी हुई है कि सड़क परिवहन मंत्रालय अधीनस्थ सड़क निर्माण में लगे जिम्मेदारों के द्वारा बिना पैमाई सीमांकन कराए ही सड़क का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है जिससे उनकी ज्यादे भूमि निकल जाने की आशंका है इस सवाल पर तहसील स्तर पर कोई अधिकारी जवाब देय नहीं है हर लोग जवाब देने से कतरा रहे हैं किसी भी स्तर से अभी ग्रहण के संबंध में कोई सटीक जानकारी नहीं मिल पा रही है। किसान हताश परेशान निरास है।

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