कुशीनगर जनपद के तमकुही राज तहसील क्षेत्र गाजीपुर ग्राम सभा में निषाद समाज के लोगों ने मनायी महाराजा गुहराज की जयंती उमड़ा सैलाब
कृष्णा यादव,तमकुही राज/कुशीनगर। भगवान श्री राम के प्रिय सखा निषाद राज की जयंती पर केवट समाज द्वारा बड़े ही भव्य रूप से कार्यक्रम आयोजित कर सेवरही ब्लॉक के ग्राम सभा गाज़ीपुर में महाराजा गुहराज की जयंती मनाई मनायी। जयंती के अवसर पर निषाद राज के चित्र पर पुष्प अर्पित कर मल्यार्पण किया गया।
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वक्ताओ ने महाराजा निषाद की जयंती पर प्रकाश डालते हुए कहा कि निषाद राज गुह मछुआरों और नाभिकों के राजा थे, वे ऋगवेरपुर में राज करते थे और रामायण के प्रमुख पात्र भगवान राम के बाल सखा थे। बनवास के समय उन्होंने ही राम सीता और लक्ष्मण को गंगा पार करवाया था। महाराज प्रयागराज निषाद, तीर्थराज निषाद के पुत्र गुहराज निषाद ने अपनी नाव में प्रभु श्री राम को गंगा के उस पर उतरा था।
चैत शुक्ल अष्टमी के दिन उनकी जयंती बड़े धूमधाम से निषाद समाज के लोगों द्वारा मनाई गयी। तथा प्रेम भाव उपदेश को निषाद समाज के लोगों में फैलाने का व्रत लिया तथा प्रभु श्री राम एवं केवट संवाद का भी व्याख्यान करते हुए वक्ताओ ने कहा कि श्री राम को जब बनवास हुआ तो बाल्मीकि रामायण और शोधकर्ताओं के अनुसार सबसे पहले तमसा नदी पहुंचे जो अयोध्या से 20 किलोमीटर दूर है।
इसके बाद उन्होंने गोमती नदी पार की और प्रयागराज इलाहाबाद से 22 किलोमीटर दूर ऋगवेरपुर पहुंचे जो निषाद राजगुह का राज्य था ,वहीं पर गंगा के तट पर उन्होंने केवट से गंगा पार कराने को कहा था । निषाद राज केवट का वर्णन रामायण के अयोध्या कांड में भी किया गया है ।
मांगी नाव न केवट आना ,कहई तुम्हार मरम मै जाना !!
चरण कमल रज कहूं सबु कहई ,मानुष करनि मुरि कछुअहई।।
अर्थात श्री राम ने केवट से नाव मांगी पर वह लाता नहीं है वह कहने लगा मैं तुम्हारा मर्म जान लिया तुम्हारे चरण कमल की धूल के लिए सब लोग कहते हैं कि वह मनुष्य बना देने वाली कोई जड़ी है । वह कहता है कि पहले पाँव धुलवाओ फिर नाव पर चढ़ाऊंगा।
इस अवसर पर ग्राम सभा गाज़ीपुर में गोरख निषाद अंबिका निषाद प्रभु निषाद ध्रुव निषाद कृष्ण निषाद अंकित निषाद गिरजा निषाद पारस निषाद सहित तमाम निषाद समाज के लोगों ने अपना विचार व्यक्त किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में बड़ी संख्या में निशांत समाज के लोगों के अलावा अन्य समाज के लोग भी उपस्थित रहे।