प्रत्येक वर्ष की भाति इस वर्ष भी शुक्रवार के दिन हजरत मस्तान शुकुल्लाह बाबा का सालाना उर्स मे प्रबंध कमेटी द्वारा आए हुए लोगों का अभिवादन किया गया तथा भोजन कराया गया 26़वाँ उर्स बड़े धूमधाम से मनाया गया
कृष्णा यादव/तमकुहीराज। हजरत मस्तान बाबा शुकुल्लाह का 26वाँ मुबारक उर्स तमकुही राज स्थित बाबा के मजार पर बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। मजार शरीफ प्रबंधक कमेटी के द्वारा बाबा के मजार के पास तथा आने जाने वाले रास्ते सुनारी गली तमकुही राज को दुल्हन की तरह सजाया गया था प्रकाश की व्यवस्था चारों तरफ रंगीन रोशनी में बाबा के मजार की खूबसूरती को बढ़ा रही थी वही आए हुए मेदनी के लिए दुकानें सजाई गई थी जहां पर अगरबत्ती चादर इलायची दाना मिठाई की खरीदारी बड़े पैमाने पर लोग कर रहे थे बड़ी उम्मीद के साथ जनाबे हजरत की मजार पर चादर पोसी करके बाबा से सलामती की दुआ मांगते रहे सायंकर 7 बजे से लोगों का आना शुरू हुआ यह सिलसिला रात भर चलता रहा लाखों की भीड़ रात्रि भर आती जाती रही तथा बाबा के मजार पर माथा टेकर दुआ मांग कर अपने सलामती की भी दुआ मांगी।
हजरत मस्तान बाबा शुकुरुल्लाह एक गरीब परिवार में जन्म लिया था, दीन तालीम कोलकाता में रहकर हासिल की तमकुही राज आने के बाद नेशनल हाईवे के किनारे अमरूद के बगीचा में अपने अब्बा जान के साथ रहा करते थे। तथा बगीचे में भी नमाज अदा करते थे और तमकुही राज बड़ी मस्जिद पर पहुंचकर अल्लाह की इबादत में दिन रात लगे रहते थे। मस्तान बाबा तमकुही राज में रामजी मद्धेशिया के चाय की दुकान पर प्रायः बैठा करते थे जहां पर उनको चारों तरफ से कुत्ता घेर कर बैठ जाते हैं कुत्तों से प्यार करते तथा उनको जिलेबिया खिलाते थे कहीं भी जाते थे उनके आगे पीछे चारों तरफ कुत्ता घेरे रहते थे कुत्तों से उनका अगाध प्रेम लगाव था। दीन दुखियों को कष्टो से उन्हें मुक्ति दिलाने के लिए वह दुआ करते थे तथा उनका दुःख दूर करने में काफी दिलचस्पी निभाते थे। कभी-कभी बाबा नाराज भी हो जाते थे और आए हुए अपने दीन दुखियों को कुछ बोल भी देते थे जिसको लोग बुरा नहीं मानते थे उसको दुआ मानते थे दुखियों के कष्टो से उन्हें मुक्ति दिलाने के कारण उनकी चर्चा दूर-दूर तक होने लगी थी स्थानीय लोगों के अनुसार जिसके लिए भी दुआ करते थे
उनकी पीड़ा दूर हो जाती धीरे-धीरे उनके अनुयायियों की संख्या काफी बढ़ गई थी हिंदू मुसलमान काफी संख्या में उनके अनुयाई थे। बाबा ने अपने जीते जी ही मजार मस्जिद के अंदर बनवाई उनके अनुयाई यासीन खान ड्राइवर तमकुही राज निवासी मजार को बनवाने में काफी समय व्यतीत किया तथा परिवहन निगम की ड्राइवर की सेवा छोड़कर बाबा की सेवा में तल्लीन हो गए थे बाबा ने पर्दा करने से पहले मजार की खूबसूरती को दिखा तथा अपने अनुयायियों से बताया कि करने के बाद मेरी मजार पर मुझे दफन कर दिया जाए तभी से पर्दा नसीव बाबा शुकुल्लाह मस्तान बाबा की यादगार में सालाना पाक उर्स का आयोजन होता आया है शुक्रवार 2025 को अप्रैल के महीने में 26 वाँ उर्स का त्योहार मनाया गया। इस अवसर पर मजार प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष/ संयोजक मंजूर आलम नियामतुल्लाह अंसारी सहित प्रबंध कमेटी के सदस्य आगंतुक लोगों का स्वागत करते तथा सबको भोजन करने के लिए प्रेरित करते रहे सुरक्षा की व्यवस्था में थाना तमकुही राज सहीत आसपास के सभी थानों की पुलिस फोर्स बाजार के चप्पे चप्पे मार्ग पर तथा मजार प्रांगण में उपस्थिति रही बड़े ही उत्साह पूर्व के शांतिपूर्ण माहौल में मस्तान बाबा का सालाना उर्स संपन्न हुआ।
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