किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में दूध उत्पादक संस्था का अहम भूमिका
कृष्णा यादव/ तमकुहीराज कुशीनगर।
ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के आय का 80 फ़ीसदी स्त्रोत पशुधन को माना गया है लेकिन पशुओं के दूध का सही मूल्य न मिलने के कारण तथा बाजार के महंगाई के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को पशुधन से होने वाले आय से उचित लाभ नहीं मिल पा रहा था जिससे पशुपालक किसानो के आर्थिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ रहा था। इसका कारण यह था कि किसान अपने अपने पशुओं के दूध को ग्वाले को या किसी बाजार मेंऔंने पौने दामों में देने के मजबूर थे ग्वालो द्वारा तथा बाजार से किसानो को उनके दूध का सही समय पर पैसा ना मिलने के कारण उन्हें अपने पशुओं को खिलाने पिलाने में भी दिक्कत होती थी जिसको देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में दूध उत्पादक संस्था खोलने का निर्णय लिया गया इसका उद्देश्य था कि किसानों के दूध के गुणवत्ता को वैज्ञानिक तरीके से मशीन द्वारा जांच कर उनके दूध के गुणवत्ता के आधार पर दूध का मूल्य तय करना और उनके दूध के मूल्य को सही समय से किसानों के खाते में पहुंचाना। तत्पश्चात बाबा गोरखनाथ दूध उत्पादक संस्था द्वारा गोरखपुर मंडल के चार जिलों गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया तथा महाराजगंज में ग्रामीण क्षेत्रों में दूध क्रय केंद्र खोलना प्रारंभ कर दिया गया, जिसके क्रम में कुशीनगर जनपद के तमकुही राज तहसील के तमकुही राज विकासखंड के अंतर्गत ग्राम सभा छपरा अहिरौली में संस्था द्वारा एक दूध कर क्रय केंद्र की स्थापना किया गया । जिसका
संचालन **रिंकू देवी पत्नी हरेराम कुशवाहा जी** द्वारा किया जा रहा है, जो न केवल एक कुशल प्रबंधक हैं, बल्कि किसानों और पशुपालकों के सच्चे हितैषी भी हैं।
बाबा गोरखनाथ कृपा दूध उत्पादक संस्था की विशेषताएं
1- यहाँ दूध को केवल खरीदा नहीं जाता, बल्कि **उसकी गुणवत्ता की वैज्ञानिक तरीके से जाँच** की जाती है — और फिर **गुणवत्ता के आधार पर ही दूध का मूल्य तय किया जाता है**। इससे किसानों को उनके परिश्रम का पूरा मूल्य मिलता है और पारदर्शिता बनी रहती है। तथा संस्था द्वारा हर 10 दिन पर किसानों के खाते में
2- समय से दूध के मूल्य को संस्था द्वारा सीधे महिलाओं के खाते भेजकर आत्मनिर्भर तथा सशक्त बनाया जाता है
3 – समय-समय पर डॉक्टर की सुविधा उपलब्ध कराकर किसानों के पशुओं कस्वस्थ परीक्षण भी कराया जाता है
4 – पशुओं के उत्तम स्वास्थ्य के लिए समय-समय पर कैल्शियम तथा केंचुए की दवा भी संस्था द्वारा किसानों को उपलब्ध कराया जाता है।
5 – पशुओं के उत्तम पोषण के लिए संस्था द्वारा उत्तम गुणवत्ता का पशु आहार तथा मिनिरल पाउडर भी उपलब्ध कराया जाता है
यहाँ **छपरा अहिरौली स्थित दुग्ध केंद्र** पर किसान न केवल दूध जमा करते हैं, बल्कि उन्हें **पशु चिकित्सा संबंधी सलाह**, **कीड़ों की दवाई**, और **पशु आहार के सही विकल्प** भी समय पर मिलते हैं।
बाबा गोरखनाथ कृपा संस्था ने गांव के सैकड़ों किसानों को **आर्थिक रूप से मजबूत** बनाया है और **पशुपालन को एक आत्मनिर्भर आजीविका का साधन** बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
यही कारण है कि यह संस्था आज ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक मजबूत स्तंभ बन चुकी है।