- अभिनय, गीत, संगीत स्टील ग्राफिक नाटक में रहा आकर्षक
- 24 दृश्य के साथ 40 से 50 कलाकारों ने किया अभिनय
Loknayak Tulsidas’s stage presentation enthralled the audience
Garunnews: गोरखपुर। सन रोज संस्थान द्वारा पवित्र ग्रंथ विश्व धरोहर में शामिल श्रीरामचरितमानस के रचयिता एवं संत कवि के जीवन पर आधारित संगीतमय नाटक लोकनायक तुलसीदास का मंचन सोमवार की शाम निकट मानसरोवर मंदिर रामलीला मैदान में हुआ।
यह भी पढ़ें :बाबू गेंदा सिंह के जयंती के अवसर पर श्रद्धा सुमन के साथ विशेष
कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ सौरभ श्रीवास्तव, डॉक्टर डी.के गुप्ता एवं अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया। लोकनायक तुलसीदास के 24 मनमोहक दृश्य में कलाकारों का जबरदस्त अभिनय से लोगों का मन मोह लिया। लोकनायक तुलसीदास में तुलसीदास के जीवन से जुड़े सभी पहलुओं को लेखक एवं निर्देशक द्वारा बेहतरीन तरीके से दिखाया गया।
लोकनायक तुलसीदास की कहानी तुलसीदास के बचपन से होती है बचपन में तुलसीदास का नाम रामबोला, जो जन्म मां का निधन होने के बाद पिता उनका त्याग कर देते हैं, दाई मां उनका पालन पोषण कर गुरुकुल में शिक्षा के लिए भेज देती हैं वहां गुरु नंदहरिदास जी शिक्षित कर उनका विवाह दीनबंधु पाठक की पुत्री रत्नावली से कराया।
कहानी में मोड तब आता है जब रत्नावली उन्हें अपने घर पर अपमानित करती हैं और तुलसीदास उसी समय घर का त्याग कर प्रभु श्रीराम की खोज में निकल जाते हैं जहां उन्हें रामघाट प्रभु श्रीराम का दर्शन प्राप्त होता है और वह पवित्र ग्रंथ श्रीरामचरित्र मानस सरल भाषा में लिखते हैं। जो आज पूरे विश्व में धरोहर के रूप में स्थापित है। नाटक के प्रस्तुतकर्ता विजय खेमका, नाट्य परिकल्पना, लेखन एवं निर्देशन विवेक कुमार अस्थाना का रहा।
40 से 50 कलाकारों के सशक्त अभिनय से दृश्यों को बेहतरीन ढंग से जोड़ा गया है। कलाकारों में कथावाचक डॉ बजेंद्र नारायण, रामबोला दिव्य अस्थाना, तुलसीदास अनिल गुप्ता, गुरु नंद हरिदास एवं मानसिंह- हरीश शर्मा, रत्नावली बबीता शर्मा, दाई मां, रत्नावली की माता, पड़ोसी- वीना आनंद, रत्नावली की भाभी- वर्षा चतुर्वेदी, आचार्य एवं दीनबंधु पाठक जी- बेचन गौड़, अकबर- अखिलेश सिंह, रहीम एवं चोर राकेश कुमार पांडा,श्रीपद, मधुसूदन- उपेंद्र नाथ तिवारी, पुजारी एवं पंडित जी- राजेश कुमारश्रीवास्तव, सिपाही एक- संजय सोनी, सिपाही दो- कुलदीप शर्मा, कैदी- राहुल शर्मा, रामबोला के पिता, नाभादास, रत्नावली के भाई, चोर- नागेंद्र कुमार, बालक नंद दास प्रियांशु, प्रभु श्रीराम- नंदा राम चौधरी, बालक श्रीराम- देव अस्थान, शादी में महिला- शिव कुमारी, रूपा निहारिका, इत्यादि, गुरुकुल में बालक- किशन पियूष, प्रतीक पासवान, आलोक मंडल, देव नाटक में मंच परे संगीत के के सिंह, मेकअप राधेश्याम, सेट- देश दीपक लाइट सुनील कुमार, कास्टिंग आवाज मुमताज खान, प्रस्तुतकर्ता-विजय खेमका का रहा।
कार्यक्रम का संचालन रीता श्रीवास्तव द्वारा किया गया। कार्यक्रम में आयोजन सहयोग निदेशक शाहाब तारिक, प्रमुख निहारका अस्थान, सचिव उमेश चंद्र, उपसचिव सुमित कुमार रावत, रवि वर्मा सहित नगर के तमाम सम्मानित एवं गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
यह भी पढ़ें :बाबू गेंदा सिंह के जयंती के अवसर पर श्रद्धा सुमन के साथ विशेष