हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल है मदार बाबा का मेला 15 फरवरी से शुरू व26 फरवरी को समाप्त होगा

मित्र पड़ोसी देश नेपाल के जिला नवल परासी के महलवारी के निकट 1हजार फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित है मदरिया बाबा का मजार लगता है 13 दिन का मेला Garun News- कृष्णा यादव तमकुहीराज/ कुशीनगर। पड़ोसी मुल्क मित्र राष्ट्र नेपाल जिला नवल परासी के महलवारी के निकट 1000 फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित मदार बाबा का बना मजार हिंदू मुस्लिम धार्मिक आस्था का केंद्र है हर वर्ष फरवरी माह में शुरू होकर 13 दिन तक लगने वाला यह मेला महाशिवरात्रि के दिन समाप्त होता है 15 फरवरी से इस मेला की शुरुआत हो चुकी है भारत नेपाल की निवासी हिंदू मुसलमान के आपसी सौहार्द एवं सांस्कृतिक संबंधों की महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में मदर बली की पहचान बनी हुई है हर वर्ष लाखों की संख्या में मदार बाबा के स्थान पर हिंदू मुसलमान जाकर चादर चढ़ाते हैं तथा अपनी-अपनी मन्नतें मांगते हैं ऐसी मान्यता है कि सब की मुरादे बाबा पूरी करते हैं। मदार बाबा बदीअलद्दीन बदीउद्दीन शाह मदार के नाम से जाने जाते हैं और कुतुब उल मदार(1315-1434) की उपाधि से एक सिरियाई सूफी थे जो भारत चले गए जहां उन्होंने मदारिया सूफी बिरादरी की स्थापना की उन्हें संरक्षक संत के रूप में बहुत मानता दिया जाता है। लोगों की धारणा है कि सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद को मदार बाबा पूरा करते हैं मदार बाबा के प्रसिद्ध के संबंध में किवदंतियां है कि भगवान शंकर के विवाह में उनके साथ गए भूत प्रेत सहित कुछ बारातियों को भगवान भोलेनाथ ने इसी पहाड़ी पर रुकने को कहा था तभी से भूत प्रेत बने बाराती भोले भंडारी के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। ऐसी मान्यता है कि भूत प्रेत बढ़ाओ को ग्रस्त लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए युक्त मेला महाशिवरात्रि पर्व के 13 दिन पूर्व से लगना शुरू होता है जहां पर मदार बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हिंदू मुसलमान बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश बिहार बंगाल प्रदेश से लाखों की संख्या में जाते हैं। इस मेला की शुरुआत हो चुकी है।

मित्र पड़ोसी देश नेपाल के जिला नवल परासी के महलवारी के निकट 1हजार फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित है मदरिया बाबा का मजार लगता है 13 दिन का मेला

Garun News- कृष्णा यादव तमकुहीराज/ कुशीनगर। पड़ोसी मुल्क मित्र राष्ट्र नेपाल जिला नवल परासी के महलवारी के निकट 1000 फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित मदार बाबा का बना मजार हिंदू मुस्लिम धार्मिक आस्था का केंद्र है हर वर्ष फरवरी माह में शुरू होकर 13 दिन तक लगने वाला यह मेला महाशिवरात्रि के दिन समाप्त होता है 15 फरवरी से इस मेला की शुरुआत हो चुकी है भारत नेपाल की निवासी हिंदू मुसलमान के आपसी सौहार्द एवं सांस्कृतिक संबंधों की महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में मदर बली की पहचान बनी हुई है हर वर्ष लाखों की संख्या में मदार बाबा के स्थान पर हिंदू मुसलमान जाकर चादर चढ़ाते हैं तथा अपनी-अपनी मन्नतें मांगते हैं ऐसी मान्यता है कि सब की मुरादे बाबा पूरी करते हैं। मदार बाबा बदीअलद्दीन बदीउद्दीन शाह मदार के नाम से जाने जाते हैं और कुतुब उल मदार(1315-1434) की उपाधि से एक सिरियाई सूफी थे जो भारत चले गए जहां उन्होंने मदारिया सूफी बिरादरी की स्थापना की उन्हें संरक्षक संत के रूप में बहुत मानता दिया जाता है।

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लोगों की धारणा है कि सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद को मदार बाबा पूरा करते हैं मदार बाबा के प्रसिद्ध के संबंध में किवदंतियां है कि भगवान शंकर के विवाह में उनके साथ गए भूत प्रेत सहित कुछ बारातियों को भगवान भोलेनाथ ने इसी पहाड़ी पर रुकने को कहा था तभी से भूत प्रेत बने बाराती भोले भंडारी के आदेश का इंतजार  कर रहे हैं। ऐसी मान्यता है कि भूत प्रेत बढ़ाओ को ग्रस्त लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए युक्त मेला महाशिवरात्रि पर्व के 13 दिन पूर्व से लगना शुरू होता है जहां पर मदार बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हिंदू मुसलमान बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश बिहार बंगाल प्रदेश से लाखों की संख्या में जाते हैं। इस मेला की शुरुआत हो चुकी है।

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