गंडक नदी पर फोरलेन सड़क मंजूरी के साथ ही लंबे पुल निर्माण से बेतियां और तमकुही राज की कम होगी दूरी

पश्चिमी चंपारण जिले के मनुआ पुल और यूपी के पिपरा घाट के बीच नदी की दो धाराओं में बनेगा 10,5 किलोमीटर पुल

Garun News – कृष्णा यादव तमकुहीराज/ कुशीनगर। राष्ट्रीय राजमार्ग एन एच 727 (ए ए )के निर्माण कार्य के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के द्वारा बिहार सहित यूपी में भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1956 की धारा3(डी) की अधिसूचना अभिलंब जारी होगी। गंडक नदी के पश्चिमी चंपारण जिले के भैंसा लोटन नेपाल से निकाल कर उत्तर प्रदेश के अमवा दिगर पिपरा घाट होते हुए सोनपुर गंगा नदी में मिलती है नदी की दो धारा के बीच बेतिया पटजिरवाँ पिपरा घाट सेवरही को जोड़ने के लिए 10,5 किलोमीटर लंबी पुल के निर्माण का मंजरी एन एच ए आई द्वारा मिली है यह राजमार्ग बिहार में 27 किलोमीटर और उत्तर प्रदेश में 2 किलोमीटर लंबा है। इस पुल निर्माण से पिपरा घाट के लोगों को नदी पर खेती करने में सहूलियत आने-जाने में मिलेगी।

यह भी पढ़ें: भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक जीत की खुशी में पटाखे फोड़ कर एक दूसरे को मिठाई खिला कर भगवा वस्त्र भेंट किया

दियारा वासीयो को सड़क पुल से नही जुड़ने पर क्षेत्र के विकास के लिए संसाधनों का अभाव विकास के क्षेत्र में बाधा उत्पन्न कर रही है। सिसवा नाहर अहिरौली दान अमवा दिगर क्षेत्र के वासियो को सड़क मार्ग का अभाव हमेशा करता रहा है। जिला मुख्यालय कुशीनगर जाने के लिए सिसवा नाहर से तमकुहीराज अमवा दिगर से गोड़रिया दुदही तथा सेवरही जाना पड़ता है जिससे गंभीर रोगों से पीड़ित व्यक्ति को जिला चिकित्सालय कुशीनगर तथा मेडिकल कॉलेज गोरखपुर जाते समय रास्ते में ही कभी-कभी दम तोड़ना पड़ जाता है। अगर सिसवा नाहर पिपरा घाट अमवा दिगर होते हुए बंधे को चौड़ीकरण कर दो लेन सड़क बना कर पड़रौना को जोड़ दिया जाए तो यह मार्ग सुलभ और दूरी कम होगी तथा इससे दियारा के क्षेत्र वासियों को सुविधाओं का सुख प्राप्त होगा। तमकुही राज बेतिया राष्ट्रीय राजमार्ग बनने से यूपी बिहार की दूरी भी कम होगी तथा बिहार दियरा क्षेत्र के लोगों को भी आने-जाने में मेडिकल चिकित्सा में लाभ प्राप्त होगा।
अमवा दिगर नदी में गंडक का पानी लाखों क्यूसेक प्रतिदिन प्रभावित होता है अगर यहां डेम बनाकर के पानी को नहरे से जोड़ते हुए दियरा क्षेत्र में सुविधा सरकार के द्वारा दिया जाए तो दियारा वासियो के खेतों को भी पानी मिलने लगेगा तथा किसान की आय भी दोगुनी हो जाएगी किसान को खेती करने में काफी सुविधा प्राप्त होगी साथ ही डेम बनने से यहां बिजली का उत्पादन सुनिश्चित होगा जिससे दियारा क्षेत्र वासियों को भी दिया और ढेवरी का सहारा नहीं लेना पड़ेगा उनको भी बिजली प्राप्त होगी

यह भी पढ़ें: कुशीनगर की बेटी यूक्रेन युद्ध के बीच संघर्ष कर बनीं डॉक्टर,पहली कोशिश में MCI परीक्षा की उत्तीर्ण

तमकुही राज विधानसभा क्षेत्र में ट्रामा सेंटर की स्थापना की आवश्यकता बताई जाती है क्योंकि अस्थमा रोग के मरीजों को यहां सुविधा का कोई चिकित्सा की व्यवस्था नहीं है साथ ही दियरा क्षेत्र के छात्रों को अध्ययन और अध्यापन के लिए इस क्षेत्र में एक यूनिवर्सिटी की आवश्यकता है जहां पर सभी विषयों की पढ़ाई हो यहां के विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर देश के कोने-कोने में सेवा दे सकें इसके लिए भी इस क्षेत्र में विकास की अति आवश्यकता है। सदियों से पिछड़ा हुआ है दियरा क्षेत्र के हजारों किसानों की उपजाऊ खेत को गंडक नदी ने अपने आगोश में ले लिया वह लोग खेती विहीन हो गए पिपरा घाट सहित कई गांव में गंडक का तांडव में पक्की मकान भी विलीन हो गए यहां के लोगों की जो सवारी की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए जनप्रतिनिधियों से भी इस विषय पर गहन विचार विमर्श कर सरकार से वार्ता करने के लिए लोगों ने मांग उठाई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version