नगर पंचायत तमकुही राज के द्वारा साफ सफाई तथा चाय जलपान की कराई गई थी व्यवस्था अध्यक्ष जेपी गुप्ता ने छठ स्थान पर सभी छठ व्रतियों का अभिवादन किया
Garun News-कृष्णा यादव तमकुही राज/ कुशीनगर। वसंतिक नवरात्र में चैती छठ पर्व का त्यौहार मनाया गया शुक्रवार के दिन सूर्य देवता और छठी माई की पूजा उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देकर मनाया गया। बड़ी संख्या में छठ व्रति महिलाएं तमकुही राज स्थित रानी के पोखरा पर स्थित छठ घाट पर परंपरागत तरीके से चैती छठ उपासना और महा आस्था का पर्व मनाया। चैती छठ पूजा सूर्य देवता और छठी माई से संबंधित है यह धर्म विशेष रूप से उगते और डूबते सूर्य को अर्थ देने का है इस दौरान सूर्य से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कठिन व्रत रखते हैं यह पूजा समृद्ध सुख शांति और समग्र कल्याण के प्राप्ति के लिए की जाती है। छठ पर्व सूर्योपासना का आमोद तथा आश्चर्य चकित कर देने वाला एक ऐसा अनुष्ठान है जिससे समस्त रोग शोक संकट और शत्रु नष्ट होते हैं तथा संतान की प्राप्ति होकर कल्याण होता है।
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मान्यता है कि माता सीता ने भी छठ का व्रत रखा था इसके अलावा महाभारत काल में द्रौपदी भी छठ पूजा की थी। सूर्य को जीवन दाता माना जाता है धरती पर सूर्य और नदियों के बिना जीवन संभव नहीं है यही कारण है कि किसी नदिया घाट पर खड़े होकर के सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है। चैती छठ चैत माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि से लेकर सातवीं तिथि तक मनाई जाती है। तमकुही राज में भी यह त्यौहार हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया रानी के पोखरा घाट पर सभी छठ व्रतियों ने उगते सूर्य को अर्ध्य देकर अपनी व्रत की समाप्ति के अवसर पर परिवार की सुख समृद्धि की कामना की।
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