पत्रकार संगठन ने सीतापुर पत्रकार हत्याकांड के दोषियों को फांसी की मांग को लेकर जिलाधिकारी कुशीनगर को ज्ञापन सौपा

पत्रकार संगठन ने सीतापुर पत्रकार हत्याकांड के दोषियों को फांसी की मांग को लेकर जिलाधिकारी कुशीनगर को ज्ञापन सौपा

कृष्णा यादव/ तमकुही राज कुशीनगर। 03 अप्रैल 2025: इंडियन कौंसिल ऑफ प्रेस पत्रकार संगठन की कुशीनगर इकाई ने सीतापुर में दैनिक जागरण के पत्रकार राघवेंद्र वाजपेई की निर्मम हत्या के विरोध में एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद की। संगठन के पदाधिकारियों ने गोरखपुर मंडल सचिव अरुण कुमार दुबे के नेतृत्व में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन के माध्यम से पत्रकारों ने हत्यारोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी, मुकदमे को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने और दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की। इसके साथ ही मृतक पत्रकार के परिवार को एक सरकारी नौकरी, एक करोड़ रुपये का मुआवजा और पत्रकारों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून लागू करने की मांग भी उठाई गई।ज्ञापन सौंपने के दौरान संगठन के कई प्रमुख सदस्य मौजूद रहे, जिनमें शगुन शर्मा, जितेंद्र श्रीवास्तव सहित अन्य पत्रकार शामिल थे। इस प्रदर्शन के जरिए पत्रकारों ने न केवल अपने सहयोगी की हत्या पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया, बल्कि प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं को भी उजागर किया।घटना का विवरण राघवेंद्र वाजपेई, जो सीतापुर जिले के महोली क्षेत्र में दैनिक जागरण के लिए कार्यरत थे, की हत्या 8 मार्च 2025 को दिनदहाड़े अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर कर दी थी। यह घटना लखनऊ-बरेली हाईवे पर हेमपुर ओवरब्रिज के पास हुई। बताया जाता है कि वाजपेई ने हाल ही में धान खरीद और भूमि खरीद में स्टांप चोरी जैसे भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों को उजागर किया था, जिसके बाद उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं। इस हत्या ने पूरे पत्रकार समुदाय को झकझोर कर रख दिया और उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए।

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ज्ञापन में उठाई गई मांगेंइंडियन कौंसिल ऑफ प्रेस पत्रकार संगठन ने अपने ज्ञापन में निम्नलिखित मांगें रखीं:हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी: संगठन ने मांग की कि राघवेंद्र वाजपेई की हत्या में शामिल सभी आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई: मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कर दोषियों को फांसी की सजा दी जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लग सके।परिवार को सहायता: मृतक पत्रकार के परिजनों को एक सरकारी नौकरी और एक करोड़ रुपये का मुआवजा प्रदान किया जाए, जिससे उनके परिवार को आर्थिक संबल मिल सके।पत्रकार सुरक्षा कानून: संगठन ने पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एक ठोस कानून बनाने की मांग की, ताकि वे बिना डर के अपनी जिम्मेदारी निभा सकें।पत्रकारों में आक्रोशज्ञापन सौंपने के दौरान मंडल सचिव अरुण कुमार दुबे ने कहा, “राघवेंद्र वाजपेई की हत्या न केवल एक पत्रकार की हत्या है, बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है। जब सच को उजागर करने वाले सुरक्षित नहीं होंगे, तो समाज में भ्रष्टाचार और अन्याय को कौन सामने लाएगा? सरकार को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।” शगुन शर्मा ने भी अपनी बात रखते हुए कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाना अब समय की मांग है।जितेंद्र श्रीवास्तव ने इस घटना को पत्रकारिता के लिए काला दिन करार देते हुए कहा, “हम अपने साथी के लिए न्याय मांग रहे हैं। यह सिर्फ राघवेंद्र की हत्या नहीं, बल्कि सच की आवाज को कुचलने की साजिश है। हम चुप नहीं बैठेंगे।”

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